श्री संणु जी की आरती
Shri Sandu Ji Ki Aarti

धूप दीप घुत साजि आरती |
वारने जाउ कमलापति || १ ||

मंगलाहरि मंगला |
नित मंगल राजा राम राई को ||
रहउ०उत्तम दियरा निरमल बाती |
तुही निरंजन कमला पाती |
रामा भगति रामानंदु जानै |
पूरन परमानन्द बखानै |
मदन मूरति भै तारि गोबिन्दे |
सैणु भणै भजु परमानन्दे |

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