महालक्ष्मी स्तुति
Maha Lakshmi Stuti

महालक्ष्मी स्तुति

नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥१॥

नमस्ते गरुडारूढे कोलासुर भयङ्करि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥२॥

सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्ट भयङ्करि।
सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥३॥

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥४॥

आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्ति महेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥५॥

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्ति महोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥६॥

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्म स्वरूपिणि।
परमेशि जगन्मत् महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥७॥

श्वेताम्बरधरे देवि नानालङ्कारभूषिते।
जगत्सि्थते जगन्मत् महालक्ष्मी नमोस्तु ते॥८॥

महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्ति मान्नरः॥
सर्वसिद्धिमवापनेति राज्यम् प्रापनेति सर्वदा॥९॥

एककाले पठेन्नित्यम् महापापविनाशनम्।
द्विकालं य: पठेन्नित्यम् धनधान्यसमन्वित॥१०॥

त्रिकालं य: पठेन्नित्यम् महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्म् प्रसन्ना वरदा शुभा ॥११॥

|| इति महालक्ष्मी स्तुति सम्पूर्ण ||

If you have any suggestion please, let us know.